धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश जी महाराज एक प्रकार से चाणक्य की भूमिका निभाते हुए धर्म रक्षा संघ की गतिविधियों को उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर कर रहे हैं।धर्म रक्षा संघ के सभी प्रमुख निर्णय आप की सहमति के पश्चात ही किए जाते हैं। आप प्राचीन ऋषि परंपरा का अनुपम उदाहरण हैं।आपने श्रीमद् भागवत मंदिरम नामक एक गुरुकुल की स्थापना की है जिसमें आज भी लगभग ढाई सौ विद्यार्थी निशुल्क श्रीमद्भागवत ज्योतिष व्याकरण कर्मकांड,संगीत आदि की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।अपने जीवन काल में आपने देश विदेश में 10,000 से अधिक ब्राह्मणों को भागवताचार्य धर्माचार्य,कर्मकांडी या ज्योतिषाचार्य बनाने का गौरव प्राप्त किया है। अनेकों बार आपने धार्मिक गतिविधियों के कारण विदेश यात्राएं भी की हैं।आप अद्वितीय विद्वान होने के साथ सामाजिक धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं।
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