विद्यां ददाति विनयं,विनयाद् याति पात्रताम् । पात्रत्वात् धनमाप्नोति,धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥ अर्थात विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन आता है,धन से धर्म होता है,और धर्म से सुख प्राप्त होता है। विद्या शिक्षा से प्राप्त होती है,जो कि मनुष्य के तीसरे नेत्र की भांति कार्य करती है। विद्या के बारे में ग्रंथों में कहा गया है कि मातेव रक्षति,पितेव हिते नियुक्ते कान्तेव चपि रमयत्य पत्नीम् स्वेदम्। विद्या मनुष्य की माता की तरह रक्षा करती है,पिता की तरह सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करती है और पत्नी की तरह सुख देती है। शिक्षा ही मनुष्य के व्यक्तित्व का दर्पण है, जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने के लिए शिक्षा अनिवार्य है।धर्म रक्षा संघ द्वारा भावी पीढ़ी के लिए ऐसी शिक्षा की व्यवस्था की जाती है जो सनातन धर्मानुसार संस्कार,आध्यात्मिक ज्ञान और विनम्रता के साथ योग्यता प्रदान कर सनातन संस्कृति का संवर्धन करे। सनातन धर्म वेदों पर आधारित धर्म है। वेदों से ही स्मृति और पुराणों की उत्पत्ति हुई है। वेदों के सार को उपनिषद और उपनिषदों के सार को गीता कहते हैं। श्रुति के अंतर्गत वेद आते हैं बाकी सभी ग्रंथ स्मृति ग्रंथ हैं। रामायण और महाभारत इतिहास ग्रंथ हैं। उपरोक्त ग्रंथों में जीवन, परिवार, समाज और राष्ट्र को बेहतर बनाने के लिए कई सूत्र दिए गए हैं। यदि आपको सनातन धर्म के संबंध में ठीक से जानना है तो आप सभी उपनिषद पढ़ लें आपको समझ में आ जाएगा कि ईश्वर, सृष्टि, आत्मा और जीवन का रहस्य क्या है। हालांकि आजकल अधिकतर लोग इसे नहीं जानना नहीं चाहते,लेकिन फिर भी धर्म रक्षा संघ का प्रयास है कि धर्म शिक्षा के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ी को ऐसा ज्ञान दें जो कि सनातन धर्म में प्रमुखता से उल्लेखित है। धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य श्री बद्रीश जी महाराज के सान्निध्य में श्रीमद्भागवत मंदिरम में प्रातः 6 बजे से सायं 6 बजे तक गुरुकुल शिक्षा पद्धति के अनुसार वेद,पुराण,श्रीमद्भागवत,व्याकरण, कर्मकाण्ड, ज्योतिष शास्त्र, संगीत आदि की शिक्षा विद्वान गुरुजनों द्वारा दी जाती है।अब तक हजारों की संख्या में यहाॅं से शिक्षा प्राप्त कर देश विदेश में सनातन धर्म की ध्वजा फहरा रहे हैं। वर्तमान में लगभग 250 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।संघ द्वारा अन्य संसाधन रहित विद्यालयों को आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान की जाती है। धर्म शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए निशुल्क भोजन आवास एवं धर्म ग्रंथों की व्यवस्था धर्म रक्षा संघ की ओर से उपलब्ध कराई जाती है।धर्म रक्षा संघ की ओर से अनेक स्कूलों एवं कालेजों में समय-समय पर धार्मिक प्रश्नोत्तरी एवं धार्मिक प्रवचनों के माध्यम से बच्चों एवं युवा वर्ग में अपने धर्म एवं संस्कृति के प्रति आस्था विश्वास पैदा करने के साथ ही उन्हें संस्कारित भी किया जाता है जिससे वो आदर्श सनातनी बनकर समाज को दिशा प्रदान कर सकें।धर्म शिक्षा अभियान के अंतर्गत अनेक प्रकार की धार्मिक प्रतियोगिताएं संपन्न कराई जाती है जिससे अपने धर्म और संस्कृति का ज्ञान हमारे सनातन परिवार के बच्चों को हो सके धर्म शिक्षा हेतु समय-समय पर धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन भी धर्म रक्षा संघ द्वारा किया जाता है। धर्म रक्षा संघ के द्वारा एक ऐसा पाठ्यक्रम भी तैयार कराया जा रहा है जो पूरी तरह धर्म शिक्षा पर आधारित होगा जिसे धर्म रक्षा संघ के सभी संगठन अपने-अपने स्थानों पर उपयोग करके सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ नयी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का प्रयास करेंगे।
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