जैसा कि धर्म रक्षा संघ नाम से ही विदित होता है इस संगठन का मुख्य लक्ष्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। वर्तमान स्थिति में सनातन धर्म पर अनेक प्रकार के संकट आते रहते हैं,जिनका सामना करना मुश्किल होता है ऐसे में सनातन धर्म की रक्षा करने के लिए हमारे धर्म योद्धाओं की एक पूरी टीम हर समय सहायता के लिए तैयार रहती है,यदि कोई विधर्मी, असमाजिक तत्व या भूमाफिया हमारे सनातन धर्म के किसी मंदिर आश्रम या पूजनीय स्थान पर बलात गैरकानूनी कब्जा करना चाहता हो या हमारे संत,महात्मा या भक्तों पर जबरन अत्याचार करना चाहता हो तो उनकी रक्षा करने और सहायता प्रदान करने के लिए हमारे धर्म योद्धाओं की टीम हमेशा तैयार रहती हैप्राचीनकाल से ही कहते आए हैं कि जर, जोरू और जमीन के लिए ही युद्ध होते आए हैं, और जब धर्म या संप्रदाय के लिए युद्ध होते हैं तो उसमें भी उक्त तीनों की ही लूट की जाती है। विद्वानों अनुसार धर्मयुद्ध, क्रूसेड और जिहाद, इन तीनों तरह के शब्दों के अलग-अलग अर्थ निकाले जाते हैं। वर्तमान में इस तरह के शब्दों के मायने बदल गए हैं। अब इसे अंग्रेजी में 'होली वार' कहा जाता है अर्थात पवित्र युद्ध। क्या युद्ध भी पवित्र हो सकता है? सवाल यह उठता है कि क्या सचमुच ही अपने समाज, संम्प्रदाय और कथित धर्म के लिए लड़े जाने वाले युद्ध को धर्मयुद्ध कहें? वर्तमान में तथाकथित धर्म के नाम पर निर्दोष लोगों का खून बहाया जा रहा है। दुनियाभर में धर्म की आड़ लेकर मासूमों की हत्या करने से लोग नहीं चूक रहे हैं। अपने धर्म का विस्तार करने या भूमि को हड़पने के लिए दुनियाभर में कथित धार्मिक योद्धा सक्रिय हैं। यह संपूर्ण धरती पर अपने ही धर्म का परचम लहराना चाहते हैं। जरूरी नहीं है कि यह सभी आतंकवादी ही हों। यह समाज के हर तबके में रह रूप में सक्रिय रहकर कार्य करते हैं। इनका मकसद दंगा, फसाद, युद्ध, बलवा, अपहरण, तस्करी, दान, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग आदि सभी तरह के कार्यों के माध्यम से धर्म का विस्तार करना होता है, लेकिन इससे सभी की नस्लें बर्बाद ही होगी। धर्म के लिए युद्ध को धर्मयुद्ध कहा जाता है। अब समझने वाली बात यह है कि धर्म क्या है? बस, यही समझने वाली बात है।मुसलमान, सिख, बौद्ध या ईसाई कोई धर्म नहीं है बल्कि ये सम्प्रदाय या संगठन हैं, धर्म तो एकमात्र सनातन ही है। भगवान श्रीकृष्ण ने किसी संप्रदाय, समाज या संगठन के लिए युद्ध नहीं लड़ा था उन्होंने सत्य और न्याय के लिए युद्ध लड़ा था। धर्म रक्षा संघ सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करने के लिए मुस्लिम समाज के ऐसे लोगों को जो किसी कारणवश अपना मूल सनातन धर्म छोड़कर मुस्लिम बन गये थे उन्हें सम्मानजनक तरीके से वापस सनातन धर्म में लाने के लिए हमारी विषेश टीम प्रयासरत है। अनेकों ऐसे सनातनी मुस्लिम हमारे संपर्क में हैं जो आने वाले समय में पूरे मन से सनातन धर्म में प्रवेश करने के इच्छुक हैं। सनातनी मुस्लिमों में सनातन धर्म के प्रति निष्ठा पैदा करने हेतु कभी गोपनीय और कभी सार्वजनिक रूप से प्रेरित किया जाता है।
Follow us